Lexicon
[Hindi] Grihdah (गृहदाह)
[Hindi] Grihdah (गृहदाह)
Free Shipping Over Rs 499
Couldn't load pickup availability
Shipping & Services
Coupons & Offers
Share
![[Hindi] Grihdah (गृहदाह)](http://gyaanstore.com/cdn/shop/files/Grihdah.png?v=1757534117&width=1445)
सरल हृदया अचला ने महिम के उदात्त विचारों से प्रभावित हो कर उस से शादी तो कर ली, किंतु क्या वह पति के साथ एक दिन भी सुख से रह सकी?
अचला में ऐसा क्या आकर्षण था कि महिम का मित्र सुरेश उसे देख कर उस पर इस कदर मर मिटा कि अचला के जीवन में हलचल मच गई? अचला के जीवन की यह हलचल क्या उस के ‘गृहदाह’ के बाद भी शांत हो सकी? इस से उस के पति महिम पर क्या बीती?
इन तमाम सवालों के मूल में क्या सामाजिक संकीर्णताएं नहीं थीं? क्या इन्हीं संकीर्णताओं के कारण वह पति प्रेम से वंचित नहीं रही? नारी जीवन की घुटन और पीड़ा से भरपूर है ‘नारी वेदना के पुरोहित’ शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का चर्चित उपन्यास ‘गृहदाह’, जिसे आप पढ़ना ही नहीं, सहेजना भी चाहेंगे।
| Publisher | - Lexicon Publication |
| Language | - English |
| Format | Paperback |
| ISBN-13 | 9789393050953 |
Sarat Chandra Chattopadhyay
-
Fast Delivery
Orders will Dispatch usually be within 2 Days
-
Easy Exchange
We have 3 Days Replacement/Exchange Policy.
-
Easy Support
Whatsapp Chat :- (+91)8171011725
Email :- support@gyaanstore.com